Xishmiya Brown With Her Childhood Best Friend Gemray Shaw
Xishmiya Brown With Her Childhood Best Friend Gemray Shaw Exclusive pics
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राजनंदिनी फिल्म्स के प्रेजेंटर तरुण राठी कहते हैं, “ये फिल्म एक ऐसी फिल्म है, जो आपकी आत्मा को झकझोर देती है और फिर भी आपको मुस्कुराहट दे जाती है। ये ट्रेंडिंग फीचर फिल्म सिनेमाघरों में इस १० फरवरी को आने वाली है| राठी फिल्म और सामाजिक सक्रियता क्षेत्र में एक प्रसिद्ध सामाजिक शख्सियत हैं, जो…
राजनंदिनी फिल्म्स के प्रेजेंटर तरुण राठी कहते हैं, “ये फिल्म एक ऐसी फिल्म है, जो आपकी आत्मा को झकझोर देती है और फिर भी आपको मुस्कुराहट दे जाती है। ये ट्रेंडिंग फीचर फिल्म सिनेमाघरों में इस १० फरवरी को आने वाली है| राठी फिल्म और सामाजिक सक्रियता क्षेत्र में एक प्रसिद्ध सामाजिक शख्सियत हैं, जो…
Xishmiya Brown With Her Childhood Best Friend Gemray Shaw Exclusive pics
Sometimes when you get lost, you find yourself, and realise that life was always a journey, not a destination. All it took Shiv Shastri Balboa (Anupam Kher) who set out to help his friend Elsa (Neena Gupta), to fuel the thought train that got him kick his adrenaline into high spice-of-life adventure gear, get off…
कभी-कभार जब आप इस दुनिया में कहीं खो जाते हैं तभी आपको ख़ुद को पाने का एहसास होता है और फिर ख़ुद को पहचानने की प्रक्रिया शुरू होती है. ऐसे में आपको इस बात का भी एहसास होने लगता है कि ज़िंदगी किसी मंज़िल का नाम नहीं, बल्कि निरंतर चलते रहनेवाले अनोखे सफ़र का नाम…
Sometimes when you get lost, you find yourself, and realise that life was always a journey, not a destination. All it took Shiv Shastri Balboa (Anupam Kher) who set out to help his friend Elsa (Neena Gupta), to fuel the thought train that got him kick his adrenaline into high spice-of-life adventure gear, get off…
कधी कधी असं वाटतं की जीवनात काहीही होत नाही, आपण हरवलो आहोत, आणि अशा वेळी तुम्ही स्वतःला शोधण्याचा प्रयत्न सुरु करता. जेव्हा प्रयत्न सुरु करता तेव्हा जाणवते की, आयुष्याचा प्रवास अजून सुरु आहे. आपला प्रवास संपलेला नाही आणि आपले गंतव्य स्थानही अजून आलेले नाही. आणि तुम्ही आणखी जोमाने कामाला सुरुवात करता. अगदी हाच विचार करून…
कभी-कभार जब आप इस दुनिया में कहीं खो जाते हैं तभी आपको ख़ुद को पाने का एहसास होता है और फिर ख़ुद को पहचानने की प्रक्रिया शुरू होती है. ऐसे में आपको इस बात का भी एहसास होने लगता है कि ज़िंदगी किसी मंज़िल का नाम नहीं, बल्कि निरंतर चलते रहनेवाले अनोखे सफ़र का नाम…
कधी कधी असं वाटतं की जीवनात काहीही होत नाही, आपण हरवलो आहोत, आणि अशा वेळी तुम्ही स्वतःला शोधण्याचा प्रयत्न सुरु करता. जेव्हा प्रयत्न सुरु करता तेव्हा जाणवते की, आयुष्याचा प्रवास अजून सुरु आहे. आपला प्रवास संपलेला नाही आणि आपले गंतव्य स्थानही अजून आलेले नाही. आणि तुम्ही आणखी जोमाने कामाला सुरुवात करता. अगदी हाच विचार करून…